Wednesday 12 March 2014

जिसने जीती दिल्ली, उसको मिली केंद्र की गद्दी.

नई दिल्ली। कहने को दिल्ली में सिर्फ सात संसदीय क्षेत्र हैं लेकिन इतिहास गवाह है कि केंद्र की सता का द्वार यहां की सियासत से होकर गुजरता है। एक-दो चुनावों को अपवाद मान लें तो दिल्ली जीतने वाले राजनीतिक दल या गठबंधन ने ही देश पर शासन किया है। इसी तरह से सीधे मुकाबले में राजधानी के मतदाता मिला-जुला जनादेश सुनाने के बजाए किसी एक पक्ष में खड़े होते हैं। हालांकि इस बार कांग्रेस व भाजपा के साथ ही आम आदमी पार्टी मजबूती के साथ चुनावी रण में है, जिससे चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है

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